A REVIEW OF NAAT LYRICS HINDI

A Review Of naat lyrics hindi

A Review Of naat lyrics hindi

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naat lyrics in english translation

हाफ़िज़ कामरान क़ादरी अलीशा कियानी ham ne aankho.n se dekha nahin hai magar un ki tasweer seene me.n maujood hai jis ne laa kar kalaam-e-ilaahi diya wo muhammad madine me.n maujood hai ham ne aankho.n se dekha nahin hai magar un ka jalwa to seene me.n maujood hai jis ne laa kar kalaam-e-ilaahi diya wo muhammad m

مسلسل اضافے کے بعد ملک بھر میں سونے کی قیمتوں میں کمی کا رجحان

मीराँ ! वलियों के इमाम ! दे दो पंज-तन के नाम हम ने झोली है फैलाई बड़ी देर से डालो नज़र-ए-करम, सरकार ! अपने मँगतों पर इक बार हम ने आस है लगाई बड़ी देर से मेरे चाँद ! मैं सदक़े, आजा इधर भी चमक उठे दिल की गली, ग़ौस-ए-आ'ज़म ! मीराँ ! वलियों के इमाम ! दे दो पंज-तन के नाम हम ने झोली है फैलाई बड़ी देर से तेरे रब ने मालिक किया तेरे जद को तेरे घर से दुनिया पली, ग़ौस-ए-आ'ज़म ! मीराँ ! वलियों के इमाम ! दे दो पंज-तन के नाम हम ने झोली है फैलाई बड़ी देर से तेरा रुत्बा आ'ला न क्यूँ हो, कि मौला !

Naat is well-liked in Islamic gatherings and is considered a way of spiritual reference to the Prophet Muhammad (peace be upon him).

اَنَا فِیْ عَطَشٍ وَّسَخَاکَاَ تَمْ اے گیسوئے پاک اے ابرِ کرم

زہے مقدر حضور حق سے زہے مقدر حضور حق سے سلام آیا پیام آیا جھکاؤ نظریں بچھاؤ پلکیں ادب کا…

सरकार-ए-ग़ौस-ए-आ'ज़म ! नज़र-ए-करम, ख़ुदा-रा मेरा ख़ाली कासा भर दो, मैं फ़क़ीर हूँ तुम्हारा सब का कोई न कोई दुनिया में आसरा है मेरा ब-जुज़ तुम्हारे कोई नहीं सहारा मौला 'अली का सदक़ा, गंज-ए-शकर का सदक़ा मेरी लाज रख लो, या ग़ौस ! मैं मुरीद हूँ तुम्हारा झोली को मेरी भर दो, वर्ना कहेगी दुनिया ऐसे सख़ी का मँगता फिरता है मारा मारा मीराँ बने हैं दूल्हा, महफ़िल सजी हुई है सब औलिया बराती, क्या ख़ूब है नज़ारा ये 'अता-ए-दस्त-गीरी कोई मेरे दिल से पूछे वहीं आ गए मदद को, मैं ने जब जहाँ पुकारा ये अदा-ए-दस्त-गीरी कोई मेरे दिल से पूछे वहीं आ गए मदद को, मैं ने जब जहाँ पुकारा ये तेरा करम है मुर्शिद !

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●पढ़ मोहम्मद पर दुरूद ए पाक-शबे मेराज शायरी شبِ معراج شاعری

बारगाह - ए - मुस्तुफ़ा में पेश करते हैं दुरूद।

कृपया मेरी कश्ती को दूसरी तरफ़ पहुंचाएं

अपनी 'अता से बुलवा लिया है, मुझ पर करम मेरे रब ने किया है

During all my existence As well as in my prayers, I produce a supplication to pray guiding him [in another lifestyle]

सब रसूल-ए-ख़ुदा बन के आए, वो हबीब-ए-ख़ुदा बन के आया

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